क्या आपने कभी सोचा है कि जो शराब आप पीते हैं, उसकी बोतल कहाँ से आती है? अगर कंपनी उस बोतल को खुद बनाने लगे, तो क्या होगा? जी हाँ, यही एक ऐसा मास्टरस्ट्रोक है जिसने आज एक बड़ी शराब कंपनी के शेयर को चढ़ा दिया। यह सिर्फ एक फैक्ट्री खुलने की खबर नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्ट्रैटेजी है जो कंपनी की कमाई को और मजबूत बना सकती है।

क्या हुआ है बिल्कुल सीधे शब्दों में?
Allied Blenders and Distillers Ltd. (ABD), जो भारत की सबसे बड़ी घरेलू शराब बनाने वाली कंपनी है, ने तेलंगाना के रंगापुर में अपनी एक नई फैक्ट्री शुरू की है। यह कोई आम फैक्ट्री नहीं है, बल्कि एक PET बॉटल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है। मतलब, अब कंपनी अपनी शराब की प्लास्टिक की बोतलें खुद बनाएगी। इस पर कंपनी ने 115 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
यह बदलाव इतना खास क्यों है?
इस एक कदम के कई फायदे हैं, जो कंपनी के भविष्य के लिए बहुत अच्छे संकेत दे रहे हैं।
- कम होगी दूसरों पर निर्भरता: पहले कंपनी को बोतलें बाहर की दूसरी कंपनियों से खरीदनी पड़ती थीं। अब वह खुद बनाएगी, जिससे दूसरों पर निर्भरता कम होगी।
- बचेंगे लॉजिस्टिक्स के पैसे: बोतलों को खरीदकर लाने में जो परिवहन खर्चा (ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट) आता था, वह अब बचेगा। बोतल अब उसी जगह बनेंगी जहाँ शराब भरी जाती है।
- मजबूत होगी कमाई (प्रॉफिट मार्जिन): यह सारी बचत सीधे-सीधे कंपनी की कमाई को बढ़ाने का काम करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि इससे FY28 तक उसका ग्रॉस मार्जिन लगभग 300 बेसिस पॉइंट्स तक सुधर सकता है।
एक और बड़ी बात
यह PET प्लांट एक बहुत बड़े इंटीग्रेटेड प्लांट का हिस्सा है। इसी कैंपस में भारत की पहली सिंगल मॉल्ट डिस्टिलरी भी बन रही है। यह पूरा प्रोजेक्ट 525 करोड़ रुपये के बैकवर्ड इंटीग्रेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। सीधे शब्दों में कहें तो कंपनी अब अपनी जरूरत की चीजें खुद बनाने पर जोर दे रही है, जो एक समझदारी भरा कदम माना जाता है।
कंपनी के MD क्या कहते हैं?
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अलोक गुप्ता ने इस नई फैक्ट्री के बारे में कहा कि यह उनके इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग के तरीके को दिखाता है। उन्होंने कहा कि इससे कॉस्ट कम रखने में मदद मिली है, काम जल्दी पूरा हुआ है और पर्यावरण पर भी कम असर पड़ा है।
कंपनी का फाइनेंशियल स्नैपशॉट
आइए, एक नजर डालते हैं कंपनी के हालिया फाइनेंशियल आंकड़ों पर। यह समझना जरूरी है कि कंपनी की हालत कैसी है।
| फाइनेंशियल पैरामीटर | पिछले साल इसी तिमाही (Q1 FY24) | इस साल इसी तिमाही (Q1 FY25) | बदलाव (साल-दर-साल) |
|---|---|---|---|
| बिक्री (Sales) | 758 करोड़ रुपये | 923 करोड़ रुपये | 21.79% की बढ़त |
| ऑपरेटिंग प्रॉफिट | 74 करोड़ रुपये | 112 करोड़ रुपये | 51.35% की बढ़त |
| नेट प्रॉफिट | 11 करोड़ रुपये | 56 करोड़ रुपये | 409% से ज्यादा की जबरदस्त बढ़त |
जैसा कि आप टेबल में देख सकते हैं, पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले कंपनी की बिक्री और मुनाफे में जबरदस्त उछाल आया है। हालाँकि, पिछली तिमाही (Q4 FY24) के मुकाबले मुनाफे में कमी देखने को मिली है।
निष्कर्ष
Allied Blenders and Distillers का यह कदम सिर्फ एक फैक्ट्री शुरू करने से कहीं आगे की बात है। यह एक ऐसी रणनीति है जो कंपनी को लंबे समय में और मजबूत, कुशल और फायदेमंद बना सकती है। बाजार ने आज इस खबर को पॉजिटिव तरीके से लिया है और कंपनी का शेयर आज 2.84% चढ़कर 522 रुपये के हाई लेवल को छू गया। अब देखना यह है कि यह नई स्ट्रैटेजी आने वाले समय में कंपनी के फंडामेंटल्स को कितना मजबूती देती है।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Rupya Marg" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।









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